Tuesday 26 January 2016

My life

Now ,
when I look behind,
I find ,
everything hv gone away.

🍃🍀💞💔😟😖

But,
When I look forward,
I find,
I m gonna get nothing.

😖😖😞💞💔

Now,
I m like,
M alive,
But I m no more,
But m living.

😞😖🍀🍁👊👊

Friday 8 January 2016

जिंदगी के उस मोर पे हुँ ।


जिंदगी के उस मोर पे हुँ ।


जिंदगी के उस मोर पे हुँ,

अकेली हुँ, और अकेली होना चाहती हुँ,

मगर अकेली होने से डरती भी हुँ ।


ऐसा नहीं है,

अकेली मैं नहीं रह सकती हुँ,

मगर अकेली से और अकेली होना नहीं चाहती हुँ ।


साथ से विश्वास उठ गया है,

बस शायद इसलिए खफा हुँ,

इसलिए और अकेली होना चाहती हुँ ।


साथ चाहती हुँ,

मगर निभाने के लिए नहीं,

बस दिखाने के लिए सही।


क्योंकि 'अकेली' हुँ,

और अकेली हो जाती हुँ,

क्योंकि दुनिया में  उसे भुल, कहीं और खो जाती है।


इसलिए कहती हुँ,

जिंदगी के उस मोर पे हुँ,

अकेली हुँ, और अकेली होना चाहती हुँ,

मगर अकेली होने से डरती भी हुँ ।


Written by 

Shivangi saumya suhani

Twitter handle @imscube

Fb:- https://mobile.facebook.com/Shivangi-Saumya-Suhani-1753129758249118/?_e_pi_=7%2CPAGE_ID10%2C1272027601

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Tuesday 15 December 2015

Bye bye funny shayri

Bye bye ,see u, tata...
Phone cut kiya...
To khaoge mujhse chanta
😀😁😂😇😛😜

Wednesday 25 November 2015

tolerant India


ऐ मेरे वतन के लोगों,
क्या भूल गए तूम वो कहानी,
जब था ये देश गुलाम ,
और सबने इसकी आजादी के लिए ,
लुटाई थी अपनी जान ,
वो लोग नहीं थे मूस्लिम,
ना थे वे हिन्दू ,सिख,ईसाई,
देश पर्ेम था उनका धर्म,
इसके अलावा उन्होनें कोई बात नहीं जानी,
😟😟😟💓
ऐ मेरे वतन के लोगों,
65 साल अब बीत गए,
और हमने आजादी है पाई ,
अब क्यों दंगे फैल रहें हैं???
जब देश में आजादी है।।।
धर्मों में सब बटें हैं क्यों???
जब हैं भारतीय होना हमारा अधिकार,???
क्यों अफवाहें फैला रहें हो???
क्यों अफवाहें मान रहें हो??
क्यों धार्मिक तत्वों के कारण???
अपने ही भाईयों का खून बहा रहे हो???
🙇🙇🙇
उसकी जान क्यों गई ,
इस बात से सब अनजान हैं!!
ना जाने क्यों उसके असली मूजरिम,,
अब तक फरार हैं???
राजनीति ही राजनीति फैली चारों ओर हैं,
ना जाने क्यों intolerance के मुद्दे पर जोर हैं??
अनेकता में एकता जिस देश की पहचान थी ।।
आज वहां फिर फूट परी है,
जिसके कारण वो  100 साल तक गूलाम थी।
🙈🙉🙉
कोई कहता है, हमें नहीं ये देश गवारा है,
हमें इसे छोऱ कहीं ओर जाना है,
ऐसे लोगों को भी भारत ने ही बनाया है,
पढे लिखे होकर भी ये कैसी बातें करते है,
ये तो छोऱो भारत का दिया सम्मान वापस करतें हैं।।
intolerance - intolerance की ये बातें करते है,
इतने भी हालात नहीं बिगऱे ,
जितना  ये दिखातें हैं।।
।ntolerance  intolerance कह के ,
अपने देश का नाम विश्व में शर्मशार करवाते है।।।
🙅🙅🙅🙅🙅🙅
आज हालात कुछ बदल गए,
हमने ऐ स्वीकारा है,
मगर इसके लिए कोई और नहीं,
जिम्मेवारी बस हमारा है।।।
क्योंकि कुछ महिनों से शायद,
हमने भारतीयता से ऊपर अपना धर्म माना है।।।
😖😖😖😖😔😔😔
कल तो नहीं बदल सकता है,
मगर आज हमारा है,
अपना भविष्य हमें स्वयं बनाना है,
अपने प्यारे भारत को फिर से स्वर्ग बनाना है,
और जो इसकी शान को चोट पहूंचाए
उसे सबक सिखाना है।।। ।।।
हमारा देश हमेशा से सहनशीलता का,
सर्व श्रेष्ट  उदाहरण था ,
और हमें इसे सदैव एसा ही बनाये रखना है।।।

Written by shivangi saumya
 Fb.com/shivi1414
Twitter handle : @imscube