Tuesday 26 January 2016

चलो , सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाए

चलो , सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ


पौराणिक इतिहास को समेटे,
इसके अतुल्य संस्कृति को एकत्र किए,
अपने देश को पर्गति के पथ पे ले जाए,
अपने इस सुंदर जहां को गुलिस्तां बनाएँ,
लो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ


जहाँ हर थाली में रोटी हो,
जहाँ हर इच्छा पूरी हो,
जहाँ न अमीरी-गरीबी शब्द रहे,
ऐसा कुछ कर दिखलाए,
लो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ


जहाँ अर्थ न हो जाति-पाति का,
जहाँ न हो कोई हिंदु , मूस्लिम, सिख,ईसाइ धर्म का,
जहाँ दिल में हो बस सबके तिरंगा,
सब कुछ भूल के हम ऐसे बन जाए,
लो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ


जहाँ हाथ में हो सबके ताकत कलम की,
जहाँ सबको मिले बहती ज्ञान की गंगा,
जहाँ शिक्षा  न हो केवल अधिकार,
ये हो सबके लिए जैसे खूला आसमान,
अपने इस गुलिस्तां में शिक्षा का फुल खिलाए ,
लो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ


जहाँ व्याप्त हो नारी शक्ति की शक्ति,
जहाँ आत्मनिर्भरता  मिले उसे ना दया में,
      नाम पे नारी सशक्तिकरण के,
जहाँ बिना सहारे हो उसके गुण का गान,
अपने इस गुलिस्तां में शक्ति की शक्ति जगाए,
लो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ


जहाँ फिर से मिले सोने की चिऱियाँ, धरती उगले सोना,
जहाँ हर क्षेत्र में हो र्पौद्योगिकी की आत्मनिर्भरता,
जहाँ की तकनीकि क्षेत्र हो विश्व के लिए आर्दशता,
अपने इस विभिन्नता में एकता की जुगलबंदी को विश्व शक्ति में उभारें,
लो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ
चलो,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ ।।
Happy Republic Day

Written by:- Shivangi saumya
Twitter handle :- @imscube

My life

Now ,
when I look behind,
I find ,
everything hv gone away.

🍃🍀💞💔😟😖

But,
When I look forward,
I find,
I m gonna get nothing.

😖😖😞💞💔

Now,
I m like,
M alive,
But I m no more,
But m living.

😞😖🍀🍁👊👊

Friday 8 January 2016

जिंदगी के उस मोर पे हुँ ।


जिंदगी के उस मोर पे हुँ ।


जिंदगी के उस मोर पे हुँ,

अकेली हुँ, और अकेली होना चाहती हुँ,

मगर अकेली होने से डरती भी हुँ ।


ऐसा नहीं है,

अकेली मैं नहीं रह सकती हुँ,

मगर अकेली से और अकेली होना नहीं चाहती हुँ ।


साथ से विश्वास उठ गया है,

बस शायद इसलिए खफा हुँ,

इसलिए और अकेली होना चाहती हुँ ।


साथ चाहती हुँ,

मगर निभाने के लिए नहीं,

बस दिखाने के लिए सही।


क्योंकि 'अकेली' हुँ,

और अकेली हो जाती हुँ,

क्योंकि दुनिया में  उसे भुल, कहीं और खो जाती है।


इसलिए कहती हुँ,

जिंदगी के उस मोर पे हुँ,

अकेली हुँ, और अकेली होना चाहती हुँ,

मगर अकेली होने से डरती भी हुँ ।


Written by 

Shivangi saumya suhani

Twitter handle @imscube

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Tuesday 15 December 2015

Bye bye funny shayri

Bye bye ,see u, tata...
Phone cut kiya...
To khaoge mujhse chanta
😀😁😂😇😛😜