इसके अतुल्य संस्कृति को एकत्र किए,
अपने देश को पर्गति के पथ पे ले जाए,
अपने इस सुंदर जहां को गुलिस्तां बनाएँ,
चलो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ ।
जहाँ हर इच्छा पूरी हो,
जहाँ न अमीरी-गरीबी शब्द रहे,
ऐसा कुछ कर दिखलाए,
चलो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ ।
जहाँ न हो कोई हिंदु , मूस्लिम, सिख,ईसाइ धर्म का,
जहाँ दिल में हो बस सबके तिरंगा,
सब कुछ भूल के हम ऐसे बन जाए,
चलो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ ।
जहाँ सबको मिले बहती ज्ञान की गंगा,
जहाँ शिक्षा न हो केवल अधिकार,
ये हो सबके लिए जैसे खूला आसमान,
अपने इस गुलिस्तां में शिक्षा का फुल खिलाए ,
चलो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ ।
जहाँ आत्मनिर्भरता मिले उसे ना दया में,
नाम पे नारी सशक्तिकरण के,
जहाँ बिना सहारे हो उसके गुण का गान,
अपने इस गुलिस्तां में शक्ति की शक्ति जगाए,
चलो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ ।
जहाँ हर क्षेत्र में हो र्पौद्योगिकी की आत्मनिर्भरता,
जहाँ की तकनीकि क्षेत्र हो विश्व के लिए आर्दशता,
अपने इस विभिन्नता में एकता की जुगलबंदी को विश्व शक्ति में उभारें,
चलो ,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ
चलो,
सपनो से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ ।।
Written by:- Shivangi saumya
Twitter handle :- @imscube